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राहु शांति पूजा
Original price was: ₹5,100.00.₹3,100.00Current price is: ₹3,100.00.
राहू शांति पूजन आप घर से ऑनलाइन करवा सकते हैं और ऑनलाइन शामिल भी हो सकते हैं। पूजा में राहू के 17000 जप विप्रगणो द्वारा किए जाते है और संकल्प किया जाता है तथा नवग्रह पूजन, हवन और राहू के लिए निर्धारित दान दिया जाता है।
Description
राहु शांति पूजा क्यू आवश्यक है –
किसी जातक की कुंडली में अशुभकारी राहू की दशा निर्मित होने के स्थिती को राहू दोष माना जाता है ऐसी स्थिती में जो भी जातक इस दोष के घेरे में आता है उसका जीवन दुखो से भर जाता है और नकारात्मक विचारधाराएं और विघ्न चारों ओर से घेर लेते है सभी ग्रहों में राहू और केतू सबसे क्रूर ग्रह माने गए हैं क्युकी सूर्य और चंद्र तक इनके इस प्रभाव से नही बच सके इस लिए उनपर ग्रहण लगता है।
राहु को छाया ग्रह कहा जाता है। कई बार देखा जाता है कि जातक की कुंडली में राहु खराब या अशुभ स्थिति में हो तो, जातक को अनेक प्रकार की मानसिक, आर्थिक और शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि राहु की अशुभता को दूर करने के लिए राहु शांति पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्रों अनुसार राहु ग्रह को कठोर वाणी, जुआ, यात्राएँ, चोरी, दुष्ट कर्म, त्वचा के रोग, धार्मिक यात्राएँ, धोखेबाज़ी, आदि का प्रतीक माना जाता है। यह अधार्मिक व्यक्ति, निर्वासित, कठोर भाषणकर्त्ताओं, झूठी बातें करने वाले, मलिन लोगों का द्योतक भी होता है। इसके दुष्प्रभाव से जातक को पेट में अल्सर, हड्डियों और स्थानांतरगमन की समस्याएं आती हैं। राहु व्यक्ति के शक्तिवर्धन, शत्रुओं को मित्र बनाने में महत्वपूर्ण रूप से सहायक होता है। बौद्ध धर्म में भी, राहु को क्रोध देवताओं में से एक माना गया है।
राहू शांति पूजा के लाभ –
(1)राहू के हानिकारक दृष्टि लाभदायक प्रभाव वाली होने लगती है ।
(2)परिवार में होने वाले उपद्रव कम होते है।
(3)संतान संबंधी सुख मिलता है।
मानसिक एकाग्रता में वृद्धि होती हैं।
राहू शांति पूजन –
राहू शांति पूजन आप घर से ऑनलाइन करवा सकते हैं और ऑनलाइन शामिल भी हो सकते हैं। पूजा में राहू के 17000 जप विप्रगणो द्वारा किए जाते है और संकल्प किया जाता है तथा नवग्रह पूजन, हवन और राहू के लिए निर्धारित दान दिया जाता है।
**पूजा के बाद आपके पते पर विशेष प्रसादी भी हमारे द्वारा भेजी जाती हैं।
ग्रह शांति या कुंडली पूजा उज्जैन में ही क्यों?
ज्योतिष के अनुसार उज्जैन कर्क रेखा पर स्थित है और काल गणना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। उज्जैन में भगवन श्री शिव, महाकाल के रूप में विराजित है और महाकाल को हम समय के देवता के रूप में पूजते है। उज्जैन सप्तपुरियों में से एक है जो की सनातन धर्म की एक प्रमुख तीर्थनगरी भी है। यहाँ एक ज्योतिर्लिंग, एक शक्तिपीठ, एक महाशक्तिपीठ, अष्ट भैरव, जागृत शमशान, एक कल्पवृक्ष और नदियों में श्रेष्ठ शिप्रा बहती है। इसीलिए इन पूजा का महत्त्व उज्जैन के करवाने के कारण बढ़ जाता है। हम यह पूजा सिद्धवट घाट पर करवाते है जो की उज्जैन का सबसे प्राचीन और चमत्कारिक घाट है जहाँ पूजा करने से सारी मनोकामनायें पूरी होती है। सिद्धवट घाट पर अति प्राचीन कल्पवृक्ष जिसे सिद्धवट के नाम से भी जाना जाता है यह पूजा उस वट वृक्ष के नीचे होने से और भी ज्यादा फलदायी हो जाती है।
richa singh –
I’m thankful for the blessings bestowed upon me during the pooja. It was a truly divine experience