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काल सर्प दोष

  1. काल सर्प दोष एक ज्योतिषीय धार्मिक धारणा है जो कुंडली में ग्रहों और नक्षत्रों के संयोजन के आधार पर होता है। इस दोष को जन्म के समय की गणना और ग्रहों की स्थिति के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
  2. इस दोष का मुख्य प्रभाव माना जाता है किसी व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं, और परिवारिक विवादों को बढ़ाने में हो सकता है।
  3. इस दोष का निवारण विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, जैसे कि काल सर्प शांति पूजा, मंत्र जाप, दान-धर्म आदि। इसके अलावा, कुछ ज्योतिषाचार्य रत्नों का धारण करने की सिफारिश करते हैं जो काल सर्प दोष को शांत करने में मदद कर सकते हैं।
  4. इस दोष के निवारण के लिए व्यक्ति को अपने ज्योतिषशास्त्री या पंडित की सलाह लेनी चाहिए और उनके द्वारा सुझाए गए उपायों को निरंतर अपनाना चाहिए।

सर्प दोष का निवारण कैसे करे?

  1. काल सर्प दोष निवारण पूजा: काल सर्प दोष पूजा सबसे प्रभावी उपायों में से एक है। यह इस दोष के प्रभाव को दूर कर सकता है। यह उज्जैन में विशेषज्ञ पुजारियों द्वारा किया जाता है। इस पूजा से आपको बहुत अच्छा सहयोग मिल सकता है।
  2. मंत्र जाप: कुछ विशेष मंत्रों का जाप भी काल सर्प दोष को शांति प्रदान कर सकता है। किसी ज्योतिषशास्त्री से सही मंत्र की सलाह प्राप्त करें और उसे नियमित रूप से जाप करें।
  3. नागराजा स्तोत्र का पाठ: नागराजा स्तोत्र का पाठ भी काल सर्प दोष को दूर करने में मदद कर सकता है।
  4. नागमणि धारण करें: कुछ ज्योतिषशास्त्री नागमणि को काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए सुझाव देते हैं।
  5. दान और दान धर्म: किसी शानदार यत्रा के दौरान नाग देवता के लिए अन्न, दूध, सर्प राज का प्रतिमा, सर्प राज की मूर्ति आदि का दान करना भी शुभ माना जाता है।
  6. गोमूत्र का सेवन: गोमूत्र का नियमित सेवन भी काल सर्प दोष को कम करने में मदद कर सकता है।

कालसर्प दोष पूजा बुकिंग

उज्जैन में कालसर्प दोष से मुक्ति प्राप्त करने के लिए एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है। यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो इस पूजा के लिए उज्जैन जाने वाले जातकों के लिए हैं:

  1. सामग्री की व्यवस्था: उज्जैन में कालसर्प पूजा के लिए सभी आवश्यक सामग्री की व्यवस्था एक पहले ही कर लेनी चाहिए। यह सामग्री में दूध, धान्य, गुड़, घी, फूल, चावल, नाग राजा के मूर्ति या पिंड, शंख, रुपये की मूँद, दूध से बनी मिठाई आदि शामिल हो सकती है।
  2. पूजा का समय: कालसर्प पूजा को अच्छे मुहूर्त में करना चाहिए। यहां पंडितों की सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है ताकि पूजा अच्छे तिथियों और ग्रहों के साथ हो।
  3. पूजा की प्रक्रिया: पूजा की प्रक्रिया को ध्यानपूर्वक और भक्तिभाव से करना चाहिए। पंडित या पूजारी के मार्गदर्शन में पूजा को सही रूप से सम्पन्न करना चाहिए।
  4. विधि-विधान का पालन: कालसर्प पूजा के दौरान सभी विधि-विधानों का पूरा पालन करना चाहिए। पंडित या पूजारी के निर्देशन में सब कुछ करना उत्तम रहेगा।
  5. पूजा का फल: यह पूजा करने से जातक को कालसर्प दोष के अनुष्ठान से शांति मिलती है और उनके जीवन में सुख-शांति का माहौल बनता है।
  6. यात्रा की तैयारी: उज्जैन जाने से पहले यात्रा की सभी तैयारियों को सुनिश्चित कर लेना चाहिए, जैसे कि यातायात, आवास, और अन्य आवश्यक सुविधाएं।

उज्जैन में की जाने वाले इस कालसर्प पूजा का यह उपाय जातक को कालसर्प दोष से मुक्ति प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए जरुरी है कि व्यक्ति इसे श्रद्धाभाव से और सही तरीके से करें।

कालसर्प पूजा प्रक्रिया

  • यह पूजा एक ही दिन में पूरी होती है।
  • इस विधी या पूजा को पूरा करने में 3-4 घंटे लगते हैं। जरूरतमंदों को भोजन देना आवश्यक है।
  • गणपति, 1 स्वर्ण नाग, राहु की 1 रजत मूर्ति, काल की 1 रजत मूर्ति रखें और फिर इनकी पूजा करें।
  • बाद में नवग्रह की पूजा करें।
  • फिर कलश पर शिव की पूजा करें और काला टीला और घी से हवन करें।
  • लोगों को नए कपड़े पहनने चाहिए। पुरुषों को धोती पहननी चाहिए और महिलाओं को नई साड़ी पहननी चाहिए।
  • पूजा में भाग लेने वाले सदस्यों को इस पूजा से पहले स्नान करना चाहिए।
  • यह पूजा शुरू करने के पहले पहने हुए वस्त्र त्याग करने होते है।

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