Your cart is currently empty!
केतु जप के लाभ
Posted by
–
केतु ग्रह को ज्योतिष में मोक्ष, आध्यात्मिकता, रहस्यमयी ज्ञान, और तप का कारक माना जाता है। केतु का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, और ज्ञान की प्राप्ति में सहायता करता है। हालांकि, कुंडली में केतु की अशुभ स्थिति से मानसिक अस्थिरता, अवसाद, और अनपेक्षित कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। केतु जप का जाप करने से केतु ग्रह के दोषों का निवारण किया जा सकता है और इसके शुभ प्रभाव प्राप्त किए जा सकते हैं।
केतु जप के लाभ:
- आध्यात्मिक उन्नति: केतु ग्रह का संबंध आध्यात्मिकता और मोक्ष से होता है। केतु मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है और वह जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझने में सक्षम होता है।
- रहस्यमयी ज्ञान की प्राप्ति: केतु रहस्यमयी और गूढ़ विद्याओं का प्रतिनिधित्व करता है। केतु जप के माध्यम से व्यक्ति को ज्योतिष, तंत्र, मंत्र, और अन्य रहस्यमयी विद्याओं में निपुणता प्राप्त हो सकती है।
- अप्रत्याशित कठिनाइयों का निवारण: केतु का अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन में अप्रत्याशित कठिनाइयां और अड़चनें पैदा कर सकता है। केतु जप करने से इन कठिनाइयों का निवारण होता है और जीवन में शांति और स्थिरता आती है।
- मानसिक शांति और संतुलन: केतु जप का नियमित जाप करने से मानसिक अस्थिरता और अवसाद जैसी समस्याओं में राहत मिलती है, और व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
- केतु दोष निवारण: यदि कुंडली में केतु ग्रह अशुभ स्थिति में हो, तो यह स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति, और जीवन की अन्य महत्वपूर्ण स्थितियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। केतु जप के माध्यम से केतु दोष का निवारण किया जा सकता है।
केतु मंत्र का जाप:
केतु जप करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का उपयोग किया जा सकता है:
- केतु बीज मंत्र:
ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः।
- केतु गायत्री मंत्र:
ॐ चिद्रूपाय विद्महे, रोदनकाराय धीमहि।
तन्नो केतु: प्रचोदयात्॥
- केतु स्तोत्र मंत्र:
पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रह मस्तकम्।
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्॥
केतु जप का समय और विधि:
- केतु मंत्र का जाप शनिवार के दिन या मंगलवार को विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
- काले या नीले वस्त्र पहनकर और कुश के आसन पर बैठकर जाप करना लाभकारी होता है।
- केतु मंत्र जाप के लिए काले चन्दन या हकीक (अकीक) माला का उपयोग किया जा सकता है।
- जाप करते समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है।
केतु जप का नियमित और श्रद्धापूर्वक जाप करने से मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, और जीवन में स्थिरता की प्राप्ति होती है।
उज्जैन में जप अनुष्ठान के लिए हमसे संपर्क करें:
यदि आप उज्जैन में किसी भी प्रकार के जप, पूजा, या अनुष्ठान करवाना चाहते हैं, तो हमसे संपर्क करें। हमारे अनुभवी पंडित जी उचित विधि-विधान से आपकी पूजा और जप अनुष्ठान कराएंगे।
संपर्क जानकारी:
- 📞 मोबाइल नंबर: 7201092290
- 📧 ईमेल: info@kalsarp-yog.com
- 🏠 स्थान: उज्जैन, मध्य प्रदेश
हमारी सेवाएं:
- राहु जप (18000 जप / 72000 जप)
- केतु जप (17000 जप / 68000 जप)
- शनि जप (23000 जप / 92000 जप)
- मंगल जप (10000 जप / 40000 जप)
- सूर्य जप (7000 जप / 28000 जप)
- चंद्र जप (11000 जप / 44000 जप)
- गुरु जप (19000 जप / 76000 जप)
- शुक्र जप (16000 जप / 64000 जप)
- बुध जप (9000 जप / 36000 जप)
- अन्य विशेष अनुष्ठान एवं पूजा विधियां
विशेष: उज्जैन के पवित्र महाकालेश्वर मंदिर और अन्य पवित्र मंदिरों के दर्शन के लिए टैक्सी भी उपलब्ध है
Recent Posts
Categories
- Jyotish (5)
- Pooja (1)
- remedies (3)
- Uncategorized (2)
- जानकारी (3)
Tag Cloud
There’s no content to show here yet.