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शनि दोष के प्रकट होने से सभी कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है और स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। इसके साथ ही, जातक को धन और निजी जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि इसे त्वरित ठीक नहीं किया जाता है, तो यह लंबे समय तक उसके जीवन को प्रभावित कर सकता है। शनि दोष निवारण पूजा के लिए उज्जैन एक अत्यंत प्रासंगिक स्थान है, क्योंकि यहां महाकाल भगवान का वास है, जो समय के देवता हैं। यहां पूजा का विधान धार्मिक रूप से पूर्ण किया जाता है और इससे सभी प्रकार के दुःखों का नाश होता है। अगर आप भी उज्जैन में इस पूजा करना चाहते हैं, तो आप हमसे आज ही संपर्क करें।
दोष के लक्षण
शनि दोष के कुछ लक्षण ऐसे सामान्य लक्षण हैं, जिनकी पहचान कर जातक इस दोष से जुड़ी जानकारी किसी ज्योतिष विद्वान से प्राप्त कर सकते हैं। यदि व्यक्ति कि समय से पहले आंखें कमजोरी होने लगती हैं या कम उम्र में ही बाल झड़ने लगते हैं तो यह शनि दोष के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही जिस व्यक्ति के मन में भगवान के प्रति आस्था कमजोर होने लगती है या वह अपने बड़े-बुजुर्गों का अपमान करता है। तो इसे भी शनि दोष के लक्षण माना जाता है। स्वास्थ्य की बात करें तो जातक के सर में यदि अधिक दर्द रहता है और वह जरूरत से अधिक आलसी व्यवहार करता है तो यह भी शनि दोष के लक्षण हो सकते हैं।
यह दोष कैसे होता है
शनि दोष के कुछ सामान्य लक्षण हो सकते हैं, जिनकी पहचान कर जातक ज्योतिष विद्वान से सलाह ले सकता है। अगर व्यक्ति को अचानक आंखों में कमजोरी महसूस होती है या उसके बाल अग्रदूत अवधि में झड़ रहे हैं, तो इसे शनि दोष के संकेत माना जा सकता है। साथ ही, यदि किसी का आस्थान समय के साथ घटता जा रहा है या वह अपने बड़े-बुजुर्गों का अपमान करता है, तो भी यह शनि दोष के संकेत हो सकते हैं। व्यक्ति के सिर में दर्द रहना और अत्यधिक आलसी व्यवहार करना भी इसे शनि दोष के लक्षण माना जा सकता है।।
उज्जैन एक प्राचीन तीर्थनगरी है यहाँ पर पवित्र शिप्रा बहती है जिसके किनारे कुंडली के सभी दोषों के निवारण की पूजा की जाती है। आपकी कुंडली के शनि दोष ने नारात्मक प्रभाव के निवारण की पूजा करवाने के लिए हमसे संपर्क करें।
इस दोष से मुक्ति के आसान उपाय
शास्त्रों में शनिदेव को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है, क्योंकि वे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करने वाले हैं। यदि व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष है, तो उसे कई संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है। इसकी पहचान के लिए सबसे पहले यह देखना जाता है कि क्या शनि ग्रह मेष राशि में है और क्या वह शत्रु राशि के साथ है, इससे शनि दोष उत्पन्न हो सकता है। उज्जैन में स्थित प्राचीन तीर्थनगरी में प्रतिवर्ष पवित्र शिप्रा में निवारण पूजा का आयोजन होता है, जिससे जातक के लिए नकारात्मक प्रभाव को दूर किया जा सकता है।
शनि दोष निवारण मंत्र
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।