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कालसर्प दोष निवारण अनुष्ठान
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उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण पूजा का बहुत महत्व है। ऐसा कहते है की उज्जैन के स्वामी श्री महाकालेश्वर है जो समय के देवता है और कालसर्प दोष भी समय से संबंधित ही है इसलिए इस पूजा का जो महत्व उज्जैन में है वो कही और नही है
Description
काल सर्प दोष –
काल सर्प दोष कुंडली में नवग्रहों यथा राहु और केतू के मध्य में आने पर बनता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काल सर्प दोष के अशुभ प्रभाव से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही साथ व्यक्ति को अनियमित रूप से शारीरिक विकार होना और परिवार में अनचाही दुर्घटना होना या डरावने सपने देखना इस दोष के होने का लक्षण है और उज्जैन कालसर्प दोष निवारण अनुष्ठान पूजा के लिए अतिउत्तम स्थान है।
ऑनलाइन काल सर्प दोष पूजा के लाभ –
(1) मानसिक तनाव और शारीरिक कष्टों से आजादी मिलती है।
(2) बुरे सपनों के प्रभाव खत्म हो जाते है ।
(3) अधूरे कार्य सिद्ध होने लगते है ।
(4) व्यापार में उन्नति होने लगती है और सभी कार्य सिद्ध होने लगते है।
इस ऑनलाइन होने वाली कालसर्प दोष निवारण अनुष्ठान में हम आपको वीडियो कॉलिंग पर घर बैठे सम्मिलित कर लेते है तथा सुव्यवस्थित पूजन की जाती है जिसमे नवग्रह पूजन, चांदी के नाग- नागिन का दान, विप्र भोजन और हवन और पंडितो द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण और राहु केतु के जप किए जाते हैं और हम आपके घर पूजा के पश्चात प्रसादी भी भेजते है।
ग्रह शांति या कुंडली पूजा उज्जैन में ही क्यों?
ज्योतिष के अनुसार उज्जैन कर्क रेखा पर स्थित है और काल गणना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। उज्जैन में भगवन श्री शिव, महाकाल के रूप में विराजित है और महाकाल को हम समय के देवता के रूप में पूजते है। उज्जैन सप्तपुरियों में से एक है जो की सनातन धर्म की एक प्रमुख तीर्थनगरी भी है। यहाँ एक ज्योतिर्लिंग, एक शक्तिपीठ, एक महाशक्तिपीठ, अष्ट भैरव, जागृत शमशान, एक कल्पवृक्ष और नदियों में श्रेष्ठ शिप्रा बहती है। इसीलिए इन पूजा का महत्त्व उज्जैन के करवाने के कारण बढ़ जाता है। हम यह पूजा सिद्धवट घाट पर करवाते है जो की उज्जैन का सबसे प्राचीन और चमत्कारिक घाट है जहाँ पूजा करने से सारी मनोकामनायें पूरी होती है। सिद्धवट घाट पर अति प्राचीन कल्पवृक्ष जिसे सिद्धवट के नाम से भी जाना जाता है यह पूजा उस वट वृक्ष के नीचे होने से और भी ज्यादा फलदायी हो जाती है।
Gourav Jain –
Pooja mein shamil hone se mujhe apni adhyatmik aatma se jude rehne aur jeevan ke ghum se shanti mili.
Sanjeev kumar –
Pooja mein shamil hone se meri aatma ko poshan mila. Main pavitrata se bhara hua aur adhyatmik aatmavikas se paripurn mahsoos kar raha hoon.