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राहु काल: इसके प्रभाव और इससे बचने के ज्योतिषीय उपाय
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हमारे रोज़मर्रा के जीवन में बहुत सी छोटी-छोटी बातें होती हैं, जिनसे हम अनजान रहते हैं, लेकिन भारतीय ज्योतिष में इनका गहरा प्रभाव होता है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण समय है “राहु काल”। राहु काल का असर हमारे कार्यों पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है, और इस समय में किसी भी महत्वपूर्ण काम को करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं राहु काल के बारे में विस्तार से और इसके प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है।
राहु काल क्या है?
राहु काल वह समय होता है जब राहु ग्रह का प्रभाव सबसे अधिक होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु एक छाया ग्रह है, जो हमारी कुंडली पर एक अदृश्य लेकिन शक्तिशाली प्रभाव डालता है। यह समय सप्ताह के प्रत्येक दिन में निश्चित रूप से आता है, और यह लगभग डेढ़ घंटे का होता है। राहु काल का प्रभाव इस दौरान नकारात्मक रहता है, इसलिए इस समय में किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना असमान्य रूप से शुभ नहीं माना जाता।
राहु काल का समय और दिन
इस काल का समय हर दिन के लिए अलग होता है, और यह सप्ताह के सातों दिनों में अलग-अलग होता है। उदाहरण के तौर पर:
सोमवार: 12:00 से 1:30 बजे तक
मंगलवार: 3:00 से 4:30 बजे तक
बुधवार: 12:00 से 1:30 बजे तक
गुरुवार: 1:30 से 3:00 बजे तक
शुक्रवार: 10:30 से 12:00 बजे तक
शनिवार: 9:00 से 10:30 बजे तक
रविवार: 4:30 से 6:00 बजे तक
राहु काल के प्रभाव
इस काल का समय किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने के लिए आदर्श नहीं होता। इस दौरान यात्रा, शादी, नया व्यवसाय शुरू करना या महत्वपूर्ण निर्णय लेना आपके लिए फायदेमंद नहीं हो सकता। यह समय किसी तरह की कड़ी मेहनत या मानसिक शांति पाने के लिए भी उपयुक्त नहीं होता। इसके प्रभाव से बचने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं।
राहु काल से बचने के उपाय
1. राहु काल में पूजा और ध्यान
इस के दौरान पूजा या ध्यान करने से मानसिक शांति मिलती है। आप इस समय का उपयोग सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने में कर सकते हैं।
2. काले तिल का दान
राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए काले तिल का दान करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इसे शनिवार के दिन करना विशेष रूप से प्रभावी होता है।
3. गायत्री मंत्र का जाप
इस के दौरान गायत्री मंत्र का जाप करना भी लाभकारी होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है और आपके जीवन में सकारात्मकता लाता है।
4. राहु शांति के लिए विशेष पूजा
यदि इस काल के प्रभाव से बहुत अधिक समस्याएं हो रही हैं, तो राहु शांति के लिए विशेष पूजा और हवन करवाना एक अच्छा उपाय हो सकता है।
5. सहज व शांतिपूर्ण कार्य करें
इस के दौरान हल्के-फुल्के कार्य करें, जैसे कोई सामान्य बातचीत, लेखन, या अध्ययन। यह समय भारी निर्णय लेने या संघर्षों में न उलझने का है।
निष्कर्ष
राहु काल ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण अवधिकाल है, जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारे कार्यों पर पड़ सकता है। इसे सही तरीके से समझकर हम अपने दैनिक कार्यों को बेहतर बना सकते हैं और नुकसान से बच सकते हैं। इस समय का सही उपयोग करके हम अपने जीवन को और अधिक संतुलित और शांतिपूर्ण बना सकते हैं।
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