गुरु जप के लाभ

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गुरु ग्रह (बृहस्पति) को ज्योतिष में ज्ञान, धर्म, आस्था, समृद्धि, शुभता और शिक्षा का प्रतीक माना जाता है। इसे सभी ग्रहों का गुरु कहा जाता है, और यह व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, धन, सुख-संपत्ति, और आध्यात्मिक उन्नति का कारक होता है। यदि किसी की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होता है या अशुभ स्थिति में होता है, तो गुरु जप का जाप करने से इसके दोषों का निवारण किया जा सकता है।

गुरु जप के लाभ:

  1. धन और समृद्धि में वृद्धि: गुरु ग्रह समृद्धि और धन का कारक होता है। गुरु जप का नियमित जाप करने से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
  2. शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि: गुरु का संबंध शिक्षा और ज्ञान से है। विद्यार्थियों के लिए गुरु मंत्र का जाप विशेष रूप से लाभकारी होता है, जिससे पढ़ाई में सफलता मिलती है और एकाग्रता बढ़ती है।
  3. वैवाहिक सुख: गुरु ग्रह व्यक्ति के विवाह जीवन पर भी प्रभाव डालता है। गुरु जप करने से वैवाहिक जीवन में सौहार्द और शांति बनी रहती है, और रिश्तों में मधुरता आती है।
  4. धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति: गुरु ग्रह धार्मिकता और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। गुरु मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की आस्था बढ़ती है और उसे आध्यात्मिक मार्ग पर उन्नति प्राप्त होती है।
  5. स्वास्थ्य और लंबी आयु: गुरु का संबंध व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु से होता है। गुरु जप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, और व्यक्ति स्वस्थ और दीर्घायु होता है।
  6. गुरु दोष का निवारण: यदि किसी की कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ हो, तो इसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन में देखा जा सकता है। गुरु जप के माध्यम से गुरु दोष का निवारण होता है और जीवन में शुभता आती है।

गुरु मंत्र का जाप:

गुरु जप करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का उपयोग किया जा सकता है:

  1. गुरु बीज मंत्र:
   ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।
  1. गुरु गायत्री मंत्र:
   ॐ बृहस्पतये विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि।
   तन्नो गुरु: प्रचोदयात्॥
  1. गुरु स्तोत्र मंत्र:
   देवानां च ऋषीणां च गुरुं काञ्चन सन्निभम्।
   बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्॥

गुरु जप का समय और विधि:

  • गुरु जप का जाप गुरुवार के दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  • पीले वस्त्र पहनकर और पीले रंग के आसन पर बैठकर जाप करना उत्तम होता है।
  • पीले चन्दन या पीतल की माला का उपयोग गुरु मंत्र के जाप के लिए किया जा सकता है।
  • जाप के दौरान मन को शांत रखते हुए श्रद्धा और समर्पण भाव से मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए, जिससे गुरु ग्रह के शुभ प्रभाव शीघ्र प्राप्त हो सकें।

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