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व्यक्ति के जन्म के समय ही सूर्य दोष लग जाता है, लेकिन इसका प्रभाव ग्रहों की दशा पर निर्भर करता है। सूर्य को कोई अस्त नहीं कर सकता, बल्कि राहु और केतु में ही सूर्य को अस्त करने की क्षमता होती है। यदि सूर्य 6, 8 या 12 भाव में चला जाए या फिर नीच की राशि में हो, तो उसकी शक्ति कमजोर हो जाती है। इसके अलावा, जब सूर्य किसी भाव में राहु के साथ होता है, तो सूर्य ग्रहण दोष हो जाता है और यह दोष पिता की ओर से आता है, जिससे पितृदोष का सामना करना पड़ता है।
इस दोष के प्रभाव के संकेत:
इस दोष के कुछ प्रमुख प्रभाव शामिल हैं – स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएं, अधीनस्थता, नौकरी में समस्याएं, विदेश यात्रा में रुकावट, और प्रतिस्थान से संबंधित समस्याएं।
दोष के प्रभाव को कम करने के उपाय
– सूर्य हर राशि पर 30 दिन तक रहता है और जब-जब राहु, केतु और शनि ग्रह के साथ वह फंसता है, तो जातक को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए शास्त्रों में भी कहा गया है कि सूर्य को मजबूत रखने के लिए हर व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में उसके उपायों को ढाल लेना चाहिए।
– पिता और गुरु इन दोनों का हमेशा सम्मान करें। यदि आप ऐसा करने में सफल होते हैं, तो आपका सूर्य मजबूत होने लगेगा।
– सूर्य हमारे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाता है। अगर आपकी सेहत हमेशा खराब बनी रहती है, तो आपको रोज सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। इससे आप कई तरह की बीमारियों से खुद को बचा पाएंगे।
– सूर्य अगर केतु के साथ किसी भाव में फंस गया है, तो आपको हर बुधवार को गणेश जी की उपासना करनी चाहिए और उन्हें लड्डू एवं इलायची का भोग लगाना चाहिए। इससे नौकरी में आ रही समस्याएं कम हो जाएंगी।
– अगर आपके घर में एक के बाद एक सदस्य बीमार पड़ रहे हैं, तो आपको हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए और उनके चरणों का तिलक माथे पर लगाना चाहिए। आपको बता दें कि हनुमान जी सूर्य देव को अति प्रिय हैं।
– अगर नौकरी में प्रमोशन नहीं मिल रहा है, तो आपको किसी निर्धन व्यक्ति को गुड़, गेहूं और तांबे का सामान अपनी श्रद्धा के अनुसार दान करना चाहिए
– सूर्य दोष की वजह से शादी में परेशानी आ रही है, तो आप आटे का हलवा बना कर किसी वृद्ध व्यक्ति को खिलाएं।